तब इनकी शक्ति बँट जाती है और हम ' लघु ज्वार ' ही देख पाते हैं।
2.
जिसमे अष्ट्मी के लघु ज्वार और पूर्णमासी के दिन बृहद ज्वार का आना इसी प्रभाव का कारण है.
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लघु ज्वार भाटा: हर 14.15 दिन में आने वाला ज्वार जो चंद्रमा के पहले चौथाई या आखिरी चौथाई काल में होता है।
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लघु ज्वार भाटा: हर 14.15 दिन में आने वाला ज्वार जो चंद्रमा के पहले चौथाई या आखिरी चौथाई काल में होता है।
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लघु ज्वार भाटा: हर 14.15 दिन में आने वाला ज्वार जो चंद्रमा के पहले चौथाई या आखिरी चौथाई काल में होता है।
6.
9. समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को वृहत् ज्वार या लघु ज्वार की कल्पना भारतीय संवत् के द्वारा ही मिलती है, अंग्रेजी संवत् से नहीं।
7.
जिस प्रकार समुद्र का जल कभी शांत नही रहता, कभी उसमें लघु ज्वार तो कभी बृहद ज्वार आता है और कभी कभी तो महाविनाशकारी टारनेडी और टाइफून जैसे भयंकर तूफान आते हैं जिनके दुष्प्रभाव अकल्पनीय होते हैं।
8.
चन्द्रमा माता, मन और मकान का कारक है,पानी पर प्रभाव जल्दी देता है,यहां तक कि समुद्र में चन्द्रमा का प्रभाव रोजाना देखने को मिलता है,चन्द्रमा की बढती हुई आकर्षण शक्ति और खिंचाव से समुद्र का पानी चन्द्रमा की तरफ़ बढने की कोशिश करता है और ज्वार आता है,पूर्णमासी के दिन बृहत-ज्वार और अमावस्या के लघु ज्वार आता है.